परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा
हिमालयीलोग की प्रस्तुति ,नई दिल्ली
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भारत में कहावत है कि संसार में एक ही रावण हुआ। रावण नाम का दूसरा कोई व्यक्ति नहीं हुआ। राम नाम के तो बहुत से लोग मिल जाएंगे, लेकिन रावण नाम कोई नहीं रखता है। लंकाधिपति रावण को दशानन भी कहते हैं। रावण एक कुशल...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा
हिमालयीलोग की प्रस्तुति /नई दिल्ली
दोस्तों, मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश लखेड़ा नयी कड़ी के साथ एक बार फिर आपके सामने हूं। जब तक मैं आगे बढ़ूं, आपसे अनुरोध है कि इस हिमालयीलोग चैनल को लाइक व सब्सक्राइब अवश्य कर दीजिए।आप जानते ही हैं कि हिमालयीलोग चैनल हिमालयी क्षेत्र की संस्कृति, इतिहास, लोक, भाषा, सरोकारों को आपके...
कौन थे लाट सूबेदार बलभद्र सिंह !
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हिमालयी क्षेत्र की संस्कृति, इतिहास, लोक, भाषा, सरोकारों आदि को देश- दुनिया के सामने रखने के लिए हिमालयीलोग वेबसाइट/ चैनल लाया गया है।
अफगानिस्तान वहां सत्ता में आए आतंकी समूह तालिबान के कारण इन दिनों चर्चा में है। उत्तराखंड के लोगों के अफगानिस्तान से काफी...
फूल संग्राद/ फूलदेई की शुभकामनाएं
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जै हिमालय, जै भारत। हिमालयीलोग के इस यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है।
मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश चंद्र लखेड़ा इस बार उत्तराखंड के लोकपर्व फूलदेई पर बात करूंगा। सबसे पहले आप सभी को इस लोक पर्व की शुभकामनाएं। जब तक मैं आगे...
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दोस्तों, मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश लखेड़ा इस बार आपके लिए उत्तराखंड के पहाड़ी मुसलमानों को लेकर जानकारी लेकर आया हूं। मैं जब तक इस बारे मे आगे बढ़ूं, आप सभी से आग्रह है कि हिमालयीलोग चैनल को लाइक और सब्सक्राइब अवश्य कर दीजिए। आप जानते ही हैं कि हिमालयी क्षेत्र की...
ढांकर को लेकर दादी-नानी से सुना कभी?
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ढांकर को लेकर बताने से पहाड़ के यात्रामार्ग व यातायात को लेकर बात कर लेते हैं। पहाड़ में आज यातायात के लिए गाड़ी है, कार है, मोटर साइकिल है, स्कूटर है। बड़े शहरों में रेल है। देहरादून, पंतनगर के...
Uttarakhand
गढ़वाली ब्राह्मणों को प्रारंभ में गढ़वाल राइफल्स में भर्ती क्यों नहीं करते थे अंग्रेज?
admin -
कौन थे तोताराम थपलियाल जी, जिनकी वीरता देख गढ़वाली ब्राह्मणों को सेना में भर्ती करने लगे अंग्रेज
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जै हिमालय, जै भारत। हिमालयीलोग के इस यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है।
मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश चंद्र लखेड़ा। बहुत कम लोग जानते होंगे कि गढ़वाल राइफल्स में शुरू के कई दशक तक गढ़वाली ब्राह्मणों...
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डा. शिवप्रसाद डबराल चारण जी के बारे में उनके वंश से शुरू करते हैं। डबराल उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के ब्राह्मणों की प्रमुख जाति है। टिहरी रियासत के मंत्री रहे हरिकृष्ण रतूड़ी की पुस्तक -- गढ़वाल का इतिहास-- के अनुसार डबरालों के पुरुख पुरूष रघुनाथ और विश्वनाथ थे। वे संवत...
हिमालयी समाज की अदभुद विवाह प्रथा-
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हिमालयी लोगों की अदभुत जीवन शैली रही है। इसमें एक-दूसरे का सम्मान, प्रेम और आपसी सहयोग की भावना बहुत अधिक रही है। इसी भावना के तहत यहां एक अदभुद विवाह भी प्रचलन में था। इसे अट्टा-सट्टा व बट्टा-सट्टा या ग्वरसांट विवाह...
Uttarakhand
अंग्रेजों से इस तरह भिड़ गए थे उत्तराखंडी — स्वतंत्रता आंदोलन में उत्तराखंड की भूमिका
admin -
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दोस्तों देश को स्वतंत्रता मिले 75 साल पूरे हो चुके हैं। इस पुण्य अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश लखेड़ा - स्वतंत्रता आंदोलन में उत्तराखंड की भूमिका- पर यह वीडियो लाया हूं। जब तक मैं आगे बढूं, तब तक इस हिमालयी लोग चैनल को लाइक...