बाठ गोडाई क्या तेरो नौं च, बोल बौराणी कख तेरो गौं च? बटोई-जोगी ना पूछ मै कू, केकु पूछदि क्या चैंद त्वै कू? रौतू की बेटी छौं रामि नौ च सेटु की ब्वारी छौं पालि गौं च। मेरा स्वामी न मी छोड़ि घर, निर्दयी ह्वे गैन मेई पर। ज्यूंरा का घर नी जगा मैं कू स्वामी विछोह होयूं च जैं कू। रामी थैं स्वामी की याद ऐगे, हाथ कूटलि छूटण...
हिडिंबा के राज्य में थी एक बीरा बैण /नये अंदाज में उत्तराखंड की लोक-कथा परिकल्पना-डा. हरीश चंद्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति दोस्तों, बीरा बैण की कहानी हम सभी दादी-नानी के समय से सुनते आ रहे हैं। यह कहानी सदियों से एक ही ढर्रे पर चल रही है। मैंने इस लोककथा को उसके कालखंड से जोड़ने तथा इसे नये तरीके से पेश करने...
बहुत पुरानी बात है। उत्तराखंड के जंगल में एक विधवा बुढ़िया रहती थी। उसके सात बेटे थे और एक प्यारी-सी बेटी थी । बेटी का नाम था बीरा। कुछ दिनों बाद जब बुढ़िया की मृत्यु हो गई, तो उसके ये बच्चे अनाथ हो गए। सातों भाई शिकार खेलने के शौकीन थे। एक दिन वे सातों भाई मिलकर एक साथ शिकार...
पहाड़ के जजमानों में मात्र  २० प्रतिशत हैं मैदानी क्षत्रिय परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com उत्तराखंड में क्षत्रियों को जजमान भी कहा जाता है। गढ़वाल के जजमान यानी राजपूतों, यानी ठाकुरों यानी क्षत्रियों के बारे में बताने से पहले मैं पहले ही साफ कर देता हूं कि यह जानकारी विभिन्न पुस्तकों से एकत्रित की गई है।...
कुमाऊँनी भारत के उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में बोली जाने वाली एक भाषा/बोली है। इस भाषा को हिन्दी की सहायक पहाड़ी भाषाओं की श्रेणी में रखा जाता है। कुमाऊँनी भारत की ३२५ मान्यता प्राप्त भाषाओं में से एक है और २६,६०,००० (१९९८) से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है। उत्तराखण्ड के निम्नलिखित जिलों - अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर,...
बहुत पुरानी बात है। किसी गांव में सात भाई रहते थे। वैसे तो वे बड़े प्यार से मिलकर रहते थे, लेकिन कभी-कभी उनमें झगड़ा हो जाया करता था। छह भाई तो एक ओर हो जाते, एक भाई अकेला पड़ जाता था। जो अकेला पड़ जाता था, वह सबसे छोटा था। वे सब मिलकर उसे बहुत तंग करते थे। एक दिन...
उत्तराखंड का 71 फीसदी हिस्सा जंगल है। जिसमें से 16 फीसदी हिस्से पर सिर्फ चीड़ के जंगल हैं, जो कि 34 हजार हेक्टेयर भूमि है। चीड़ खुश्क इलाके के पहाड़ी क्षेत्र में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम पाइनस राक्सवर्गाई है। जो कि विलियम राक्सवर्ग के नाम पर आधारित है। चीड़  हिमालय का मूल वृक्ष है, जो कि 500...
एक समय की बात है। एक परिवार में दो महिलाएं रहती थीं। बड़ी महिला यानी जेठानी बहुत दुष्ट थी, लेकिन छोटी यानी देवरानी शिष्ट, सौम्य, ईमानदार व जनसेवक थी। दोनों के कोई संतान नहीं थी। छोटी वाली जो भी कमाकर लाती, वह अपनी जेठानी आदि में बांट देती और दुख-दर्द में पूरे मनोयोग से उसकी सेवा करती, ताकि दोनों...
किसी जंगल में एक लोमड़ी का परिवार रहता था। जब मादा लोमड़ी गर्भवती हुई तो उसने अपने पति से घर का इंतजाम करने को कहा। इस पर पति लोमड़ी बहुर्त ंचंतित हो गया, लेकिन उसने वादा किया कि वह घर का इंतजाम जरूर कर देगा।  जब बच्चों के जन्म का समय आया तो लोमड़ी अपनी पत्नी को बाघ की...
बहुत पुरानी बात हह। उत्तराखंड के सभी गावों की तरह डंणु गांव के लोग भी अपने ग्राम देवता की पूजा करने के लिए हर मौसम में मंदिरों में जाते थे। थे। गांव के सभी लोग उस देवता की कृपा से सुखी और संपन्न रहते थे। वे हर फसल के कट चुकने पर देवताओं को चढ़ावा चढ़ाने दूर एक स्थान...
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