प्राचीन हिमालयी लोगों के समान महिलाओं को स्वतंत्रता तैयार है भारतीय समाज? परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com E- mail- himalayilog@gmail.com जै हिमालय, जै भारत। हिमालयीलोग के इस यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है। मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश चंद्र लखेड़ा इस बार उस प्राचीन हिमालयी समाज की उन विशेष प्रथाओं की उल्लेख करने जा रहा हूं, जो...
  परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली जै हिमालय, जै भारत। हिमालयीलोग के इस यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है। मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश चंद्र लखेड़ा । आप जानते ही हैं कि उत्तराखंड में कुछ समय तक नेपाल के गोरखों का भी शासन रहा है। गढ़वाल में 12  साल और कुमायुं में 22 साल तक गोरख्याली/ गोख्याणी रहा...
परिकल्पना- डा. हरीश चंद्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति / नयी दिल्ली दोस्तों, उत्तराखंड के लिए कठोर भू कानून की वकालत करने वाले वीडियो के बाद यह दूसरा वीडियो है। इसमें उत्तराखंड की भूमि और उसे लेकर मैदानी लोगों की काक दृष्टि को लेकर जानकारी दे रहा हूं।  यह जानकारी देने के साथ ही एक प्रश्न भी छोड़ जा रहा हूं। इस प्रश्न...
नाथ और सिद्धों की गाथा  परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com / www.lakheraharish.com सहयोगी यूट्यूब चैनल- संपादकीय न्यूज   बहुत कम लोग जानते हैं की बदरी नाथ धाम का पौराणिक नाम बद्रिकाश्रम था। जबकि केदारनाथ धाम का नाम केदारेश्वर था। इसी तरह कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा तथा नेपाल में पशुपितनाथ धाम के नाम में भी नाथ शब्द शामिल...
परिकल्पना- डा. हरीश चंद्र लखेड़ा /हिमालयीलोग की प्रस्तुति/नयी दिल्ली दोस्तों, इस बार आपके लिए उत्तराखंड की प्राचीन परंपरा को लेकर नयी जानकारी लेकर आया हूं। उत्तराखंड में गाय के बछड़े के जन्म के 11  दिन बाद पानी के सिमांद (स्रोत) में पूजा की जाती है। उस पूजा के बाद ही  गाय के दूध को चाय, दही, छाछ आदि बनाने के...
                  परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा                हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com        देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ  (सीडीएस) the first Chief of Defence Staff (CDS) of the Indian Armed Forces जनरल बिपिन रावत (General Dr. Bipin Rawat)  अब हमारे बीच नहीं रहे। परंतु वे भारत को एक ऐसी सेना दे गए हैं जो अब रक्षात्मक मुद्रा में नहीं रहती...
गुमानी पंत के साथ अन्याय क्यों कर गए हिंदी के मठाधीश परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति नई दिल्ली www.himalayilog.com    /  www.lakheraharish.com गुमानी पंत, कुमायुंनी व नेपाली के साथ ही खड़ी बोली के प्रथम कवि थे। परंतु, हिंदी के स्वधोषित विद्वानों ने उनको यह स्थान नहीं दिया, जिसके वे असली हकदार थे। यह जानने लायक है कि गुमानी से लगभग 60 वर्ष...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति,  नई दिल्ली www.himalayilog.com /  www.lakheraharish.com    प्रकृति के निकट रहते हुए हिमालय के निवासी निश्चल होते हैं। पुरातन भारत में नर-नारी के संबंधों में खुलापन रहा है। हिमालयी क्षेत्र में गंधर्व विवाह अर्थात आज के प्रेम विवाह प्रचलन में थे और बड़ी संख्या में होते थे। यह शोध का विषय है कि ऐसा क्या...
जनरल रावत के निधन पर पर खुशी मनाने वाले गद्दारों को कब सजा देंगे मोदी और शाह ? परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com / www.lakheraharish.com पूरे देश जानता है कि कुछ गद्दारों ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल डा. बिपिन रावत  (CHIEF OF THE DEFENCE STAFF (CDS) GENERAL BIPIN RAWAT ) के निधन...
विवाहित नारी को अपार अधिकार देने वाला हिमालयी खस समाज परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com E- mail- himalayilog@gmail.com जै हिमालय, जै भारत। हिमालयीलोग के इस यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है। मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश चंद्र लखेड़ा इस बार -- छण-मण की बांद –या ‘छन मण की बान (Chhan man ki band baan)- को लेकर जानकारी...
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