भारत के प्रथम मतदाता- हिमाचल के श्याम शरण नेगी

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first voter of india Master Shyam Saran Negi

परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा

हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली

 हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के श्याम सरन नेगी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। एक जुलाई २०२२ को नेगी जी  १०५ साल के हो गए हैं। हिमालयीलोग की ओर से नेगी जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं।  उम्मीद है कि आप लोगों ने  श्याम सरन नेगी जी का नाम अवश्य सुना होगा। स्वतंत्रता के बाद देश में हुए पहले चुनाव में सबसे पहले जिस व्यक्ति ने वोट डाला वही हैं। मास्टर श्याम सरन नेगी। यानी वे भारत गणतंत्र के पहले मतदाता हैं।  ( first voter of india)  एक जुलाई को किन्नौर जिला प्रशासन ने उनके घर कल्पा  जाकर उनका जन्मदिन मनाया और उन्हें शुभकामनाएं दीं। (first voter of india Master Shyam Saran Negi)  इस मौके पर किन्नौर जिला उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक और एसपी अशोक रत्न ने उनके घर पहुंचे औी उनके साथ  जन्मदिन मनाया। उन्हें (first voter of india Master Shyam Saran Negi) शुभकामनाएं दी। श्याम सरन नेगी (Shyam Saran Negi) ने केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया।

श्याम शरण नेगी (first voter of india Master Shyam Saran Negi) का जन्म 1 जुलाई 1917 को किन्नौर के कल्पा में हुआ । वे स्कूल में मास्टर रहे हैं।  श्याम शरण नेगी के देश के पहले मतदाता (first voter of india Master Shyam Saran Negi) बनने वाली कहानी बेहद रोचक है। देश की स्वतंत्रता के बाद 1952 में लोकसभा के पहले चुनाव हुए। पहले आम चुनाव में लोकसभा की 497 तथा राज्यों की विधानसभाओं की 3,283 सीटों के लिए 17 करोड़ 32 लाख 12 हजार 343 मतदाताओं का रजिस्ट्रेशन हुआ था।  इनमें से 10 करोड़ 59 लाख लोगों वोट डाला था। यह भी जानने लायक है कि इनमें से लगभग 85 प्रतिशत लोग  निरक्षर थे। यह  चुनाव प्रक्रिया 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक यानी लगभग चार महीने चली थी। देश के पहले चुनाव हालांकि फरवरी 1952 में हुए, किंतु सर्दी के मौसम में भारी बर्फबारी की संभावनाओं के कारण हिमाचल प्रदेश के निवासियों को पांच महीने पहले ही वोट करने के लिए का अवसर दिया गया। दरअसल, तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू चाहते थे कि भारत के जनजातीय इलाके भी आम चुनाव में हिस्सा लें। चूंकि हिमालयी सीमांत व जनजातीय क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण आवागमन अवरुद्ध हो जाता है। इसलिए इन क्षेत्रों में देश के अन्य क्षेत्रों से पहले ही मतदान का निर्णय लिया गया। देशभर के जनजातीय इलाकों में सबसे पहले हिमाचल प्रदेश के किन्नौर इलाके को ही चुना गया। तब किन्नौर में श्याम शरण नेगी (first voter of india Master Shyam Saran Negi) को पोलिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी निभानी थी। वे स्कूल मास्टर थे।  किन्नौर क्षेत्र दुर्गम था। मतपेटी भी नहीं थीं। ऐसे में श्याम शरण नेगी ने टीन के कनस्तर को मत-पेटी का रूप दिया। उन्होंने लोगों को भी वोट का महत्व बताया। परंतु लोग वोट डालने के लिए उपस्थित नहीं थे। इस पर श्याम शरण नेगी ने ही सबसे पहले मतदान किया। इस तरह  श्याम शरण नेगी का नाम भारत के सबसे प्रथम मतदाता के रूप में दर्ज हो गया। यह 25 अक्टूबर, 1951 की बात है। वोट डालने के बाद श्याम शरण नेगी ( first voter of india) ने महीने भर पूरे क्षेत्र में गाव-गांव व घर-घर जाकर लोगों को मतदान का महत्व समझाते हुए वोट डालने के लिए प्रेरित किया।

वर्ष 2010 में चुनाव आयोग के हीरक जयंती समारोह के अवसर पर तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला ने नेगी के गांव जाकर उन्हें मतदान करने के प्रचार अभियान का दूत घोषित किया। वर्ष 2014 में गूगल इंडिया ने एक सार्वजनिक सेवा उद्घोषणा के रूप में एक वीडियो बनाकर भारत के प्रथम आम चुनाव में नेगी जी की भागीदारी के बारे में जानकरी दी थी और लोगों को मतदान के महत्व के बारे में जागरूक किया। नेगी जी ने एक हिंदी फिल्म -सनम रे- में विशेष उपस्थिति भी दर्ज कराई थी। नेगी जी (first voter of india Master Shyam Saran Negi)प्रत्येक चुनाव में वोट डालते हैं। उन्हें मतदान केंद्र तक लाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी खास वाहन का इंतजाम करते हैं। उनके लिए रेड कारपेट भी बिछाया जाता है।

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