बग्वाल या बूढ़ी दीवाली  (Diwali)का भगवान राम से कोई लेना-देना नहीं परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) और उत्तराखंड (UTtarakhand)में दीपावली के बाद लगभग ११ दिन से एक माह के दौरान फिर से दीवाली मनाई जाती है। इसे कहीं बूढ़ी दीवाली, कहीं इगास-बग्वाल कहा जाता है। इन दोनों राज्यों में प्रचारित किया...
  उत्तराखंड में आपदाओं से मुक्ति के लिए क्यों होती थी बेडवार्त परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति ,नई दिल्ली www.himalayilog.com     /  www.lakheraharish.com हिमालयी क्षेत्र की संस्कृति, इतिहास, लोक, भाषा, सरोकारों आदि को देश- दुनिया के सामने रखने के लिए हिमालयीलोग चैनल लाया गया है।  उत्तराखंड में कभी महामारी, अकाल आदि प्राकृतिक आपदाओं से मुक्ति पाने के लिए भगवान को प्रसन्न करने के लिए...
खस परिवार कानून (The khasa Family Law) -  द्वितीय कड़ी  परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति ,नई दिल्ली www.himalayilog.com  /  www.lakheraharish.com भारत में विवाह को लेकर अब जो कानून लगातार बनते जा रहे हैं, वे तो हिमालयी क्षेत्र में सदियों पहले से थे। परंतु मैदानों के कट्टर और रूढ़िवादी  लोगों के दबाव में पहले तो अंग्रेजों व बाद में भारत सरकार ने...
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