परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com भारत की तरह नेपाल के हिंदुओं में भी वर्ण व्यवस्था रही है।  नेपाल में क्षत्रिय (Nepali kshtariya, Rajput, chhetri, Thakuri, Thakur) तीन समाजों में हैं। खस छेत्री व ठकुरी, नेवार और मधेसी।  नेपाल में क्षत्रियों को राजपुत्र भी कहा जाता रहा है। नेपाल के कई सरनेम,, जैसे कि थापा,...
सगरमाथा जिसने नापा नहीं, उसके नाम कर दिया माउंट एवरेस्ट परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com  आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिन कर्नल सर जॉर्ज एवरेस्ट (Colonel Sir George Everest )  के नाम पर इस चोटी का नाम रखा गया है, उन्होंने इसे कभी नापा ही नहीं।  विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत का नाम माउंट एवरेस्ट (Mount...
भगवान श्रीकृष्ण से शुरू हुआ नेपाल का प्रथम शासक गोपाल राजवंश   गोपाल राजवंश से शुरू होता है नेपाल का इतिहास परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com काठमांडू उपत्यका को ही पहले नेपाल कहा जाता था।  नेपाल के प्रारंभिक इतिहास के बारे में बहुत कम जानकारी है, लेकिन किंवदंतियां और प्रलेखित संदर्भ ३०वीं शताब्दी ईसा पूर्व में भी...
  खान नहीं, मेवाड़ का क्षत्रिय था नेपाल का शाह राजवंश                परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा                    हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली    www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com हिमालयीलोग यूट्यूब आने के बाद नेपाली (Nepali) तथा भारतीय गोरखा Indian Gorkha) समाज के कई बंधुओं से यह सुनने को मिलता है कि गोरखा शब्द का अंतिम आखर खा यानी खां यानी खान है। जिसका अर्थ राजा...
नेपाल के मस्टो यानी कुल देवता  परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com / www.lakheraharish.com आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि नेपाल ( Nepal)के खस  (Khas)अपने मस्टो को 64 बकरी या भेड़ों की बलि देते हैं। जिंदा बकरी व भेड़ का रक्त पीते हैं। नेपाल में वैदिक आर्य और खस आर्य, किरात, मगर, लिंबू, समेत आर्य और मंगोल मूल...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति /नई दिल्ली www.himalayilog.com /www.lakheraharish.com दोस्तों मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश लखेड़ा, हिमालयी जातियों के इतिहास की श्रृंखला में इस बार नेपाल के प्राचीन समाज नेवार को लेकर जानकारी दे रहा  हूं। नेवार समाज की कुछ विशेषताएं हैं, जो की सभी समाजों के लिए अनुकरणीय हैं। नेवारों को लेकर जानकारी देने से पहले आप सभी से...
  परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति /नई दिल्ली www.himalayilog.com /www.lakheraharish.com दोस्तों मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश लखेड़ा इस बार आपको नेपाल की रामायण और इसके रचयिता  नेपाली के आदि कवि भानुभक्त आचार्य के बारे में जानकारी दे रहा । जब तक मैं आगे बढूं, तब तक इस हिमालयी लोग चैनल को लाइक व सब्सक्राइबअवश्य कर दीजिए। आप जानते ही हैं कि हिमालयी...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति /नई दिल्ली दोस्तों, मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश चंद्र लखेड़ा हिमालयी क्षेत्र की जातियों के इतिहास की इस श्रृंखला में इस बार नेपाल के ब्राह्मणों को लेकर जानकारी लाया हूं। मैं जब तक इस कहानी को आगे बढाऊं, आपसे अनुरोध है कि इस चैनल को लाइक और सब्सक्राइब कर अवश्य दीजिएगा। इससे पहले मैं उत्तराखंड...
हमें  नेपाली नहीं, भारतीय गोरखा कहिए परिकल्पना डा. हरीश चंद्र लखेड़ा हिमालय लोग की प्रस्तुति /नई दिल्ली  दोस्तों, इस बार आपको भारतीय गोरखा और नेपालियों में अंतर बताने आया हूं। जो गोरखा भारतीय नागरिक हैं, पाढ़ी दर पीढ़ी भारत में रह रहे हैं। यह भारतीय गोरखा समाज अपनी पहचान और भाषा का नाम के संकट से जूझ रहा है। भारतीय गोरखा समाज अपनी...
नेपाल के पहले किराती राजा यलंबर थे महाबली भीम के पौत्र बर्बरीक यानी  बाबा श्याम खाटू शोध और आलेख- डा हरीश चंद्र लखेड़ा  /हिमालयीलोग की प्रस्तुति/नयी दिल्ली बाबा श्यामखाटू महाराज के नाम तो आपने सुना ही होगा। राजस्थान के सीकर जिले में बाबा श्याम का विश्व विख्यात मंदिर है। महाभारत के योद्धा बर्बरीक ही आज बाबा श्याम खाटू  के नाम से पूजे जाते...
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