हिमालयीलोग वेबसाइट, हिमालयीलोग यूट्यूब चैनल तथा हिमालयीलोग  ट्रस्ट के

संस्थापक व संपादक-    

 Dr. Harish Chandra Lakhera    /  (डा. हरीश चंद्र लखेड़ा)    

 Qualification –   Ph. D. (Journalism & Mass comm) / M.Sc (Maths) / M.A. (Journalism & Mass comm ) /  P.G. Diploma (Journalism & Mass comm) /         Certificate of Achievement (in Public Affairs Reporting)

 पत्रकारिता का अनुभव  जनसत्ता,  राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला,दैनिक ट्रिब्यून में पत्रकारिता विशेषतौर पर राजनीति व संसदीय पत्रकारिता में  ३० वर्षों से ज्यादा का अनुभव।

प्रकाशन-

छह पुस्तकें और दर्जनभर शोधपत्र प्रकाशित

1-संसदीय पत्रकारिता- भारतीय लोकतंत्र की यात्रा के साक्षी 144 स्तंभ, (2020, संसदीय पत्रकारिता पर भारत में संसदीय रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार की कलम से पहली पुस्तक)

2- पत्रकारिता का स्थानीयकरण (2020)
3-उत्तराखंड आंदोलन- स्मृतियों का हिमालय (2017, उत्तराखंड राज्य आंदोलन का इतिहास)
4- लखेड़ा वंश- सागर से शिखर (2018, उत्तराखंड के लखेड़ा ब्राह्मणों पर शोध ग्रंथ)
5- नदियों के गीत ( 2020, कविता संग्रह, सौजन्य- दिल्ली हिंदी अकादमी ।

6-दिल्ली का रास्ता (2000, कविता संग्रह , सौजन्य- दिल्ली हिंदी अकादमी।

7- राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में कई शोध पत्र प्रकाशित।

 

 

 

 हिमालयीलाेग—

हिमालयी संस्कृति  और समाज में हो रही हलचल को देश-दुनिया के सामने रखने का यह एक छोटा सा प्रयास है। इस वेबसाइट का साथ ही  हिमालयी संस्कृति, लोक, साहित्य और सरोकारों  को लेकर यू ट्यूब चैनल भी है।      — Himalayilog – हिमालयीलोग Channel of Himalayi People. 1- Email- himalayilog@gmail.com 2-Facebook Page -Himalayilog channel हिमालयीलोग चैनल 3-https://twitter.com/HimalayilogC जय हिमालय, जय भारत, हिमालयी लोग वेबसाइट के बाद अब यू ट्यूब चैनल भी आपके सामने है. पिछले १२ वर्षों से हिमालयी लोग वेबसाइट के माध्यम से हम हिमालयी संस्कृति को देश-दुनिया के सामने रखते आ रहे हैं. अब हिमालयीलोग चैनल के माध्यम से हिमालयी लोगों की आवाज, संस्कृति, इतिहास आदि को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से देश-दुनिया तक हम पहुंचा रहे हैं. हम चाहते हैं यह यूट्यूब चैनल हिमालयी लोगों की आवाज बने। ऐसी आवाज जिसे देश-दुनिया गंभीरता से सुनें।यही नहीं, हम चाहते हैं कि देश-दुनिया भी हिमालयी संस्कृति, साहित्य व समाज को लेकर जानें। हमारे इतिहास, हमारे पुरखों के बारे में भी जानें। हमें भारत के इतिहास में हिस्सेदारी चाहिए. हमारा इतिहास देश के इतिहास की पुस्तकों में होना चाहिए. आइए हमसे जुडिए, चैनल को लाइक व सबस्क्राइब अवश्य करें.

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  • डा. हरीश चंद्र लखेड़ा

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