परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली  सबसे पहले तो हिमाचलियों को हिमाचल दिवस (Himachal Diwas) की शुभकानाएं। प्रति वर्ष 15 अप्रैल को ‘हिमाचल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। देश की स्वतंत्रता के बाद इसी दिन 15 अप्रैल, 1948 को 30-31  पहाड़ी रियासतों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश के रूप में नया राज्य भारत के मानचित्र पर...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली हिमालयी राज्य हिमाचल प्रदेश को यह नाम कैसे मिला। यह बात खुद हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की नयी पीढ़ी में भी बहुत कम लोग जानते होंगे। इस बार आपको यही बताने जा रहा हूं कि राज्य के तौर पर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) का नाम कैसे पड़ा और यह नाम किसने दिया।...
कांगड़ा- श्रीनगर- अल्मोड़ा- काडमांडू –गंगटोक रोड के मामले में अदूरदर्शिता से शेरशाह सूरी जैसा सम्मान नहीं पा सके नेपाल के गोरखा परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली गोरख्याली शासन में एक रोड ऐसी भी थी जो कभी नेपाल की राजधानी  काठमांडू से उत्तराखंड के अल्मोड़ा और श्रीनगर व देहरादून होकर हिमाचल प्रदेश के नहान-कांगड़ा तक जाती थी। दूसरी ओर...
- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा भारत  की यात्रा से  नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा (Sher Bahadur Deuba ) चर्चा में हैं। यहां  उनकी यात्रा के बारे में मैं चर्चा नहीं कर रहा हूं, बल्कि यह बताने जा रहा हूं कि शेर बहादुर देउबा उत्तराखंड मूल के हैं। उनके पुरखे उत्तराखंड के कुमायुं से रहे हैं।जिस तरह उनसे पहले प्रधानमंत्री...
         परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा             हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली         जै हिमालय, जै भारत। हिमालयीलोग के इस यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है। मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश चंद्र लखेड़ा इस बार हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के अनूठे महाशिवरात्रि महोत्सव की जानकारी दे रहा हूं, जिसमें इस जिले के देवी-देवताओं को इस अवसर पर आमंत्रित किया...
हिमाचल प्रदेश का इतिहास-एक जै हिमालय, जै भारत। परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com E- mail- himalayilog@gmail.com जै हिमालय, जै भारत। मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश चंद्र लखेड़ा इस बार महाभारत कालीन हिमाचल प्रदेश के बारे में जानकारी लेकर जानकारी लेकर आया हूं। जब तक मैं आगे बढूं, तब तक आपसे अनुरोध है कि इस हिमालयी लोग चैनल को...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com भारत की तरह नेपाल के हिंदुओं में भी वर्ण व्यवस्था रही है।  नेपाल में क्षत्रिय (Nepali kshtariya, Rajput, chhetri, Thakuri, Thakur) तीन समाजों में हैं। खस छेत्री व ठकुरी, नेवार और मधेसी।  नेपाल में क्षत्रियों को राजपुत्र भी कहा जाता रहा है। नेपाल के कई सरनेम,, जैसे कि थापा,...
सगरमाथा जिसने नापा नहीं, उसके नाम कर दिया माउंट एवरेस्ट परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com  आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिन कर्नल सर जॉर्ज एवरेस्ट (Colonel Sir George Everest )  के नाम पर इस चोटी का नाम रखा गया है, उन्होंने इसे कभी नापा ही नहीं।  विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत का नाम माउंट एवरेस्ट (Mount...
भगवान श्रीकृष्ण से शुरू हुआ नेपाल का प्रथम शासक गोपाल राजवंश   गोपाल राजवंश से शुरू होता है नेपाल का इतिहास परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com काठमांडू उपत्यका को ही पहले नेपाल कहा जाता था।  नेपाल के प्रारंभिक इतिहास के बारे में बहुत कम जानकारी है, लेकिन किंवदंतियां और प्रलेखित संदर्भ ३०वीं शताब्दी ईसा पूर्व में भी...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा / हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली / कश्मीर घाटी -  ऋषि कश्यप के वंशजों की इस घाटी  में  हिंदू साम्राज्य कैसे ढह गया और कैसे वहां इस्लाम फैलता चला गया। लंबे समय बाद फिर से कैसे फिर से हिंदू शासन आया। यह रोचक कहानी है। यह  आश्‍चर्य  का विषय है कि  भारत के इतिहास के पुस्तकों...
error: Content is protected !!