तालिबान और उत्तराखंड के लैंड जेहादियों का एक ही है सूत्रधार परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति /नई दिल्ली www.himalayilog.com / www.lakheraharish.com अफगानिस्तान में आप लोग तालिबानियों की हरतकों तो देख रहे हैं। किस तरह से वे लोग अपने ही सजातीय व सधर्मी लोगों पर अपना खौफ बढ़ा रहे हैं याद कीजिए, लुटेरे गजनी, गौरी, बाबर, तैमूर लंग व अब्दाली का दौर। कल्पना...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति /नई दिल्ली www.himalayilog.com /www.lakheraharish.com https://www.youtube.com/channel/UCY2jUIebYsne4nX09a1aUfQ दोस्तों मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश लखेड़ा जातियों के इतिहास की इस श्रृंखला में विभिन्न जातियों और  उत्तराखंडी मुसलमानों के बाद अब पहाड़ के ईसाइयों को लेकर जानकारी ले कर आया । जब तक मैं आगे बढूं, तब तक इस हिमालयी लोग चैनल को लाइक व सब्सक्राइबअवश्य कर दीजिए। आप जानते...
परिकल्पना- डा. हरीश चंद्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति /नयी दिल्ली दोस्तों, इस बार आपके लिए उत्तराखंड की राजनीति के एक महत्वपूर्ण पहलू को लेकर आया हूं।   9 नवंबर 2000 को भारत के  27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आए इस हिमालयी राज्य को मुख्यमंत्री तो बहुत मिले, लेकिन एक भी ऐसा नहीं मिला, जो राजनीतिक व सार्वजनिक जीवन के मानदंडों...
परिकल्पना- डा. हरीश चंद्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति / नयी दिल्ली दोस्तों, उत्तराखंड के लिए कठोर भू कानून की वकालत करने वाले वीडियो के बाद यह दूसरा वीडियो है। इसमें उत्तराखंड की भूमि और उसे लेकर मैदानी लोगों की काक दृष्टि को लेकर जानकारी दे रहा हूं।  यह जानकारी देने के साथ ही एक प्रश्न भी छोड़ जा रहा हूं। इस प्रश्न...
परिकल्पना- डा. हरीश चंद्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति / नयी दिल्ली दोस्तों इस बार आपके लिए उत्तराखंड और देश के अन्य पहाड़ी व आदिवासी राज्यों के भूमि कानूनों को लेकर जानकारी लेकर आया हूं। उत्तराखंड में लंबे समय से मौजूदा भूमि कानूनों को बदलने की मांग होती रही है, लेकिन लगता है जैसे कि उत्तराखंड के नेता आंख और कान बंद...
हिंदी पत्रकारिता के जनक व कुमायुंनी और खड़ी बोली के आदि कवि गुमानी पंत की धरती उत्तराखंड की पत्रकारिता आज पथभ्रमित हो चली है। प्रदेश में कुकरमुत्तों की तरह निकल रहे पत्र-पत्रिकाओं खबरिया चैनल और वेबसाइट देखकर स्पष्ट हो जाता है कि इन सभी की प्राथमिकता यहां के जनसरोकार नहीं हैं, बल्कि पत्रकारिता की आड़ में अपने विभिन्न व्यवसायों...
नई दिल्ली। जिनीवा में डब्ल्यूएचओ की ओर से साल 2016 के लिए दुनिया के सबसे 15 प्रदूषित शहरों की सूची जारी की गई है जिनमें भारत के 14 शहर शामिल हैं। इस लिस्ट में टॉप पर कानपुर है। सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में दिल्ली छठे नंबर पर है। डब्ल्यूएचओ के डेटाबेस से पता चलता है कि 2010 से...
नई दिल्ली।  उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पहाड़ी क्षेत्रों में 3000 गांव पूरी तरह खाली हो गए हैं और ढाई लाख से ज्यादा घरों में ताले लटके हुए हैं। ये सरकारी आंकडे हैं।  गैर सरकारी आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है।  समृद्ध पहाड़ी शैली में निर्मित हजारों भव्य मकानों में घास व झाड़ियां उग गई हैं।   पूरे के...
देहरादून। ग्लोबल वार्मिंग के चलते मैदानों की वनस्पतियां अब पहाड़ों की ओर जाने लगी हैं। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में वानस्पतिक विज्ञानियों के अध्ययन के अनुसार तापमान में वृद्धि के कारण मैदानी क्षेत्रों में पनपने वाली अनेक वनस्पतियां अब पहाड़ों की ओर रुख करने लगी हैं। वैज्ञानिक अध्ययन में उत्तराखंड के सोमेश्वर घाटी में साल वृक्षों की बढ़वार में तेजी...
नैनीताल।  झीलों के लिए प्रसिद्ध शहर नैनीताल की नैनी झील संकट में है। इसमें पानी का स्तर लगातार घट रहा है।  इसकी वजह झील को भरने वाले स्रोत सूख रहे हैं और  नैनीताल में जमीन से रिसने वाले जल में आई कमी आई है। झील नियंत्रण केन्द्र के अनुसार विगत सौ सालों के रेकॉर्ड को देखते हुए यह साफ...
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