जलते अंगारों के कुंड में क्या कोई मानव चल सकता है? जी हां ऐसे दृश्य देखते हैं तो उत्तराखंड चले आइए। यहां जागरों व देव पूजन के समय यह सब देखा जा सकता है। हाल में भी केदारघाटी यक्षराज (जाख देवता) की पूजा के समय ऐसा ही दृश्य देखने को मिला। यहां मंदिर परिसर में आग का कुंड बनाया गया...
हम भारतीय लोग बहुत पाखंडी हैं। गंगा- यमुना को कहते तो मां हैं लेकिन उनको गंदा नाले में बदल दिया है। अब उत्तराखंड हाई कोर्ट के फैसले के बाद सभी की नजर है कि अब केंद्र से लेकर राज्यों की विभिन्न सरकारें इस मामले में क्या करती हैं। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बीते 21 मार्च को गंगा और यमुना को...
प्राचीन ग्रंथों में तपोभूमि हिमवन्त बदरीकाश्रम, उत्तराखंड केदारखण्ड आदि नाम से प्रसिद्ध भू-भाग का नाम गढ़वाल सन् 1950 ई. के आसपास पड़ा। ख्याति प्राप्त इतिहासकारों का यह मत है कि उस वक्त इस प्रदेश में बावन या चौंसठ छोटे-छोटे सामन्तशाही ठाकुरगढ़ थे। ऋग्वेद में इन गढ़ों की संख्या 100 है। इसलिए अनेक गढ़ वाले देश अर्थात गढ़वाला या गढ़वाल...
पहली गढ़वाली फिल्म ‘जग्वाल’ के निर्माता पारासर गौड़ अब  सात समंदर पार कनाडा में रहते हैं। 1983 में बनी इस फिल्म के आने के बाद उत्तराखंड में गढ़वाली और कुुमांउनी फिल्मों के निर्माण के दरवाजे खुल गये। अब तक दो दर्जन से ज्यादा फिल्में बन चुकी हैं। पारासर को गढ़वाली फिल्मों के  दादा साहेब फालके कहा जा सकता है। उनका...
उत्तराखंड का 71 फीसदी हिस्सा जंगल है। जिसमें से 16 फीसदी हिस्से पर सिर्फ चीड़ के जंगल हैं, जो कि 34 हजार हेक्टेयर भूमि है। चीड़ खुश्क इलाके के पहाड़ी क्षेत्र में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम पाइनस राक्सवर्गाई है। जो कि विलियम राक्सवर्ग के नाम पर आधारित है। चीड़  हिमालय का मूल वृक्ष है, जो कि 500...
नई दिल्ली , 7  मार्च 2017 ।देश के लिए शहादत देने के मामले में उत्तराखंड नम्बर एक पर है। यह कोई बयानबाजी नहीं है बल्कि देश की सर्वोच्च पंचायत यानी संसद में केंद्र सरकार ने भी माना है। आबादी के हिसाब से शहादत के मामले में यह औसत उत्तराखंड सबसे आगे हैं। संसद में हाल में रक्षा मंत्रालय से संबंधित...
नई दिल्ली,  उत्तराखंड का राज्य पुष्प है ब्रह्म कमल। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी गुलाबी कमल पर बैठे होते हैं। यही गुलाबी कमल भारत का राष्ट्रीय पुष्प भी है। ज्यादातर लोग इस गुलाबी कमल (निलुम्बो नूसिफेरा) को ही ब्रह्म कमल मान लेते हैं। जबकि एक वर्ग का मानना है कि यह गुलाबी कमल...
यह प्रेम कथा विश्व की महान प्रेम कथाओं में से एक तो है ही अदभुद भी। गहरी नींद में देखे सपनों में भी प्यार हो सकता है। कहानी पन्द्रहवीं शताब्दी की है। कत्यूर राजवंश के राजकुमार मालूशाही और शौका वंश की कन्या राजुला की प्रेम कथा है। इस कथा के 40 रूप मौजूद हैं। एक बार पंचाचूली पर्वत श्रृंखला के...
उत्तराखंड के ॐ पर्वत पर भी ग्रीन हाउस गैसों और ग्लोवल वार्मिंग का असर साफ दिखने लगा है। पिथौरागढ़ स्थित छोटा कैलाश के नाम से पुकारे जाने वाले इस पर्वत पर अब कम बर्फ पड़ने से ॐ की आकृति ठीक से नहीं बन पा रही है। कैलाश को लेकर तो पहले से ही रिपोर्ट आ चुकी है कि ‘शिव...
हिमालय की बेटी गौरा देवी को भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में याद किया जाता है। जंगलों को बचाने के लिए पेड़ों पर चिपकने का रास्ता उन्होंने ही दिखाया था। इसी वजह से इसे चिपको आंदोलन कहा जाने लगा। उत्तराखंड में जन प्रतिरोधों की परम्परा में यह आंदोलन अपना विशिष्ट स्थान रखता है। जहां एक ओर इस आंदोलन...
error: Content is protected !!