कुमाउनी भाषा का इतिहास

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कुमाऊँनी भारत के उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में बोली जाने वाली एक भाषा/बोली है। इस भाषा को हिन्दी की सहायक पहाड़ी भाषाओं की श्रेणी में रखा जाता है। कुमाऊँनी भारत की ३२५ मान्यता प्राप्त भाषाओं में से एक है और २६,६०,००० (१९९८) से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है। उत्तराखण्ड के निम्नलिखित जिलों – अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चम्पावत, ऊधमसिंह नगर के अतिरिक्त असम, बिहार, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब, तथा हिमाचल प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में भी बोली जाती है।

कुमाऊँनी भाषा, कुमाँऊ क्षेत्र में विभिन्न रुपांतरणों में बोली जाती है जैसे:-
अल्मोड़ा और उत्तरी नैनीताल में मध्य कुमाऊँनी।

कुमाऊँनी, देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। कुमाऊँ क्षेत्र में २० बोलीयाँ बोली जाती हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:- जोहारी, मझ कुमारिया, दानपुरिया, अस्कोटि, सिराली, सोरयाली, चुगरख्यैली, कुंमईया, गंगोला, खसपरजिया, फल्दकोटि, पछाइ,
पिथौरागढ़ में उत्तर पूर्वी कुमाऊँनी।
दक्षिण पूर्वी नैनीताल में दक्षिण पुर्वी कुमाऊँनी।
पश्चिमी अल्मोड़ा और नैनीताल में पश्चिमी कुमाऊँनी।

रौचभैसि.
कुमाऊँनी भाषा की उपबोलियाँ

कुमाऊँनी भाषा की उपबोलियाँ इस प्रकार हैं:-

कलि कुमाऊँनी, केन्द्रिय कुमाऊँनी।
उत्तर पूर्वी कुमाऊँनी।
दक्षिण पूर्वी कुमाऊँनी।
अस्कोटि।
भाभरी (रामपुर में)।
चुगरख्यैली।
दनपुरिया।
गंगोला।
जोहारी
खसपरजिया
कुंमईया
पछाइ (पछे)
पश्चिमी कुमाऊँनी
फल्दकोटि
रहू चौभैसी
सिराली (सिरौय्लि)
सोरयाली
बैतडा
डोटियाली
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