चमोली।  उत्तराखंड के एक देवता ऐसे भी हैं, जिनके दर्शन उनका पुजारी भी नहीं कर पाता। यह मंदिर वर्ष में सिर्फ एक बार बैशाख पूर्णिमा के दिन कुछ घंटे के लिए खुलता है। मंदिर के द्वार खोलते समय पुजारी की आंखों पर पट्टी बंधी होती है। इस मंदिर में किसी वीआइपी की भी नहीं चलती है। वीआइपी की छोड़िए,...
प्राचीन ग्रंथों में तपोभूमि हिमवन्त बदरीकाश्रम, उत्तराखंड केदारखण्ड आदि नाम से प्रसिद्ध भू-भाग का नाम गढ़वाल सन् 1950 ई. के आसपास पड़ा। ख्याति प्राप्त इतिहासकारों का यह मत है कि उस वक्त इस प्रदेश में बावन या चौंसठ छोटे-छोटे सामन्तशाही ठाकुरगढ़ थे। ऋग्वेद में इन गढ़ों की संख्या 100 है। इसलिए अनेक गढ़ वाले देश अर्थात गढ़वाला या गढ़वाल...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली देहरादून में कठमाली उन लोगों को कहा जाता है, जिनके पुरखे गढ़वाली थे और कई दशकों पहले वे देहरादून बस गए थे। यह भी कह सकते हैं कि उन्हें देहरादून में बसे सौ से ढाई सौ  साल हो चुके हैं। देहरादून कुलिंद, कार्तिकेयपुर व कत्यूरी से लेकर  पंवार नरेशें के समय...
नैनीताल।  झीलों के लिए प्रसिद्ध शहर नैनीताल की नैनी झील संकट में है। इसमें पानी का स्तर लगातार घट रहा है।  इसकी वजह झील को भरने वाले स्रोत सूख रहे हैं और  नैनीताल में जमीन से रिसने वाले जल में आई कमी आई है। झील नियंत्रण केन्द्र के अनुसार विगत सौ सालों के रेकॉर्ड को देखते हुए यह साफ...
नई दिल्ली।  उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पहाड़ी क्षेत्रों में 3000 गांव पूरी तरह खाली हो गए हैं और ढाई लाख से ज्यादा घरों में ताले लटके हुए हैं। ये सरकारी आंकडे हैं।  गैर सरकारी आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है।  समृद्ध पहाड़ी शैली में निर्मित हजारों भव्य मकानों में घास व झाड़ियां उग गई हैं।   पूरे के...
देहरादून।   उत्तराखंड के कार्बेट टाईगर रिजर्व में न्यूनतम 208 विशिष्ट बाघ और राजा जी टाइगर रिजर्व में न्यूनतम 34 विशिष्ट बाघो की पहचान की गई है। पिछले वर्ष यह संख्या कार्बेट टाईगर रिजर्व में 163 एवं राजा जी टाईगर रिजर्व में 16 पायी गई थी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर कार्बेट और राजा जी...
नई दिल्ली , 7  मार्च 2017 ।देश के लिए शहादत देने के मामले में उत्तराखंड नम्बर एक पर है। यह कोई बयानबाजी नहीं है बल्कि देश की सर्वोच्च पंचायत यानी संसद में केंद्र सरकार ने भी माना है। आबादी के हिसाब से शहादत के मामले में यह औसत उत्तराखंड सबसे आगे हैं। संसद में हाल में रक्षा मंत्रालय से संबंधित...
दिल्ली से लेकर देश-विदेश में इस लेख को पढ़ने वाले दोस्तो क्या आपने कभी अपने पुरखों के बनाए पुंगड़ों (खेतों) को याद किया है। जिन पुंगड़ों को बनाने में कई पीढ़ियां खप गईं होगी, उन्हें छोड़ने में हमने कोई वक्त नहीं गंवाया। दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में पल बढ़ रही पीढ़ी को भद्वाड़, सारी, पुंगड़ा, सगोड़ा, स्यारा, उखड़ जैसे शब्दों...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा  हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली   इस बार आपको उत्तराखंडी, विशेष तौर पर गढ़वाली सिखों के बारे में जानकारी दे रहा हूं। वे वे सिख नहीं, जो कि पंजाब मूल के हैं और शहरों में रहते हैं। गढ़वाल के गांवों में रह रहे ये लोग सिख नेगी (Sikh Negi) कहलाते हैं और क्षत्रिय यानी राजपूत हैं।...
केदारनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। यहाँ की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मन्दिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्य ही दर्शन के लिए खुलता है। पत्थरों...
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