परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा  हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com  E- mail- himalayilog@gmail.com  पहाड़ में हंसी ठठा करते हुए अथवा चिढ़ाने के लिए ठाकुरों के लिए खसिया बोल दिया जाता है। बदले में ठाकुर भी ब्राह्मणों के लिए भाट शब्द का प्रयोग कर देते हैं। यह व्यंगवार सदियों से चल रहा है।   उत्तराखंड में खस या खसिया कहने पर कई...
  उत्तराखंड से हिमाचल बसे नेपाली मूल के गोरखा कैप्टन राम सिंह ठकुरी को  जानते हैं आप? परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com E- mail- himalayilog@gmail.com कैप्टन राम सिंह ठकुरी। (Captain Ram Singh Thakuri) जी हां। यह नाम उन महान हस्ती का है जिसकी बनाई धुनें आजादी के दीवानों की जुबां पर रहती थी। आज भी ये गीत...
अजन्में मेमने की खाल से बनती है कौन सी टोपी ? परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com E- mail- himalayilog@gmail.com संसार में परिवर्तन अटल सत्य है। मानव सभ्यता के विकास के साथ ही मनुष्य का पहनावा भी बदलता रहा है। हम जो कुछ भी पहनते हैं,   उसका भी एक इतिहास है। इस बार हिमालयी क्षेत्र के लोगों...
मुगल राजा अकबर के पिंजड़े में थे नौ हजार चीते परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com / www.lakheraharish.com E- mail- himalyilog@gmail.com  आप को यह तो मालूम ही होगा कि भारत में चीते (Chita/ Cheetah ) विलुप्त  हो चुके हैं। कहीं- कहीं चिडियाघरों में चीते अवश्य दिख जाते हैं। लेकिन जंगलों में एक भी चीता (Chita/ Cheetah ) नहीं है। विश्व...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com स्वर्ग को लेकर बात शुरू करने से पहले ही मैं साफ कर देना चाहता हूं कि यह वीडियो पौराणिक गाथाओं पर आधारित है। भारतीय जीवन में पौराणिक गाथाओं का बड़ा महत्व है। इसे नकारा नहीं जा सकता है। स्वर्ग की अवधारणा सिर्फ हिंदुओं में है, ऐसा नहीं है। अब्राहमिक...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com भारत की तरह नेपाल के हिंदुओं में भी वर्ण व्यवस्था रही है।  नेपाल में क्षत्रिय (Nepali kshtariya, Rajput, chhetri, Thakuri, Thakur) तीन समाजों में हैं। खस छेत्री व ठकुरी, नेवार और मधेसी।  नेपाल में क्षत्रियों को राजपुत्र भी कहा जाता रहा है। नेपाल के कई सरनेम,, जैसे कि थापा,...
सगरमाथा जिसने नापा नहीं, उसके नाम कर दिया माउंट एवरेस्ट परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com  आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिन कर्नल सर जॉर्ज एवरेस्ट (Colonel Sir George Everest )  के नाम पर इस चोटी का नाम रखा गया है, उन्होंने इसे कभी नापा ही नहीं।  विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत का नाम माउंट एवरेस्ट (Mount...
भगवान श्रीकृष्ण से शुरू हुआ नेपाल का प्रथम शासक गोपाल राजवंश   गोपाल राजवंश से शुरू होता है नेपाल का इतिहास परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com काठमांडू उपत्यका को ही पहले नेपाल कहा जाता था।  नेपाल के प्रारंभिक इतिहास के बारे में बहुत कम जानकारी है, लेकिन किंवदंतियां और प्रलेखित संदर्भ ३०वीं शताब्दी ईसा पूर्व में भी...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा / हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली / कश्मीर घाटी -  ऋषि कश्यप के वंशजों की इस घाटी  में  हिंदू साम्राज्य कैसे ढह गया और कैसे वहां इस्लाम फैलता चला गया। लंबे समय बाद फिर से कैसे फिर से हिंदू शासन आया। यह रोचक कहानी है। यह  आश्‍चर्य  का विषय है कि  भारत के इतिहास के पुस्तकों...
भगवान बदरी विशाल और  तिब्बत के थोलिंग मठ से जुड़ी है चंवरी गाय की कथा परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com सुरा गाय (suragaay) का अर्थ देवताओं की गाय होता है। सुर यानी देवता। आज जानते ही हैं कि सनातन धर्म में गाय को मां का स्थान दिया गया है।  हिन्दू  (Hindu)धर्म के अनुसार गाय में...
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