परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा
हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली
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देवों के देव महादेव भगवान भोलेनाथ का वाहन नंदी है। यानी बैल। भगवान शिव के मंदिर में हम सभी नंदी को देखते हैं। जहां भी शिव होंगे वहां नंदी भी होंगे। शिवजी की प्रतिमा या शिवलिंग होगा, वहां नंदी को भी विराजमान होते हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के...
Personalies
राष्ट्र गान और आजाद हिंद फौज के तरानों की धुन बनाने वाले महान गोरखा फौजी को भूल गए हम !
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उत्तराखंड से हिमाचल बसे नेपाली मूल के गोरखा कैप्टन राम सिंह ठकुरी को जानते हैं आप?
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा
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कैप्टन राम सिंह ठकुरी। (Captain Ram Singh Thakuri) जी हां। यह नाम उन महान हस्ती का है जिसकी बनाई धुनें आजादी के दीवानों की जुबां पर रहती थी। आज भी ये गीत...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा
हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली
इस बार उत्तराखंड केप्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी (Narendra Singh Negi) से जुड़े एक मुद्दे पर बात करने जा रहा हूं। मैं उनका जीवन परिचय अथवा उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दे रहा हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि वे किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उत्तराखंडी खासतौर पर...
कुमाऊँनी भारत के उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में बोली जाने वाली एक भाषा/बोली है। इस भाषा को हिन्दी की सहायक पहाड़ी भाषाओं की श्रेणी में रखा जाता है। कुमाऊँनी भारत की ३२५ मान्यता प्राप्त भाषाओं में से एक है और २६,६०,००० (१९९८) से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है। उत्तराखण्ड के निम्नलिखित जिलों - अल्मोड़ा, नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर,...
ताराओन से कैसे हार गया गांव का राजा
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा
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इस लोककथा नागकन्या (Nagkanya & Taraon )और ताराओन से पहले हिमालयी राज्य अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के बारे में भी जान लेते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत के पूर्वोत्तर का राज्य है। अरुणाचल का अर्थ हिन्दी में -उगते सूर्य का पर्वत- है । इस...
उत्तराखंड का 71 फीसदी हिस्सा जंगल है। जिसमें से 16 फीसदी हिस्से पर सिर्फ चीड़ के जंगल हैं, जो कि 34 हजार हेक्टेयर भूमि है। चीड़ खुश्क इलाके के पहाड़ी क्षेत्र में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम पाइनस राक्सवर्गाई है। जो कि विलियम राक्सवर्ग के नाम पर आधारित है। चीड़ हिमालय का मूल वृक्ष है, जो कि 500...
बुक्सा जनजाति को लेकर है यह किवदंति
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा (Dr Harish Chandra Lakhera)
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बोक्सा उत्तराखंड की प्रमुख जनजाति है। उत्तराखंड में पांच प्रमख जनजातियां (Major Tribes Of Uttarakhand ) हैं। इनमें जौनसारी, भोटिया, थारू, बोक्सा और राजी जनजाति शामिल हैं। बोक्सा या बुक्सा (Boksa) नैनीताल, उधमसिंह नगर, पौड़ी एवं देहरादून में...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा
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राम बौराणी गढ़वाली साहित्य की इस अमर रचना वा लोकगाथा गीत के बारे में तो आप सभी ने बहुत सुना है, परंतु इसे सबसे पहले कागज पर किसने उतारा, उस महान रचनाकार के बारे में बहुत कम जानते हैं। वह महान रचनाकार थे गढ़वाली साहित्यकार बलदेव प्रसाद शर्मा ’दीन’।बलदेव...
फूलों को कुचलते हुए दौड़ रहे हैं
दिशाहीन हो
हमारी नदियों और झरनों को रोक रहे हैं
दिशाहीनता में
इनकी दिशाहीनता अन्यमनस्कता में हृदयहीनता में
हम पीड़ा ग्रस्त हो रहे हैं
यह पृथ्वी रोगाक्रांत हो रही है
यहां बैठकर मैं स्वयं को खा रहा हूं।
मेरे हृदय में चरचरा रहे घाव की
यह पीड़ा मात्र है,
सिर्फ दर्द और टीस है।
तुम जाओं इसी विश्वास में
मैं भीगा लथपथ बैठा हूं।
तुम...
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कश्मीर की लोक कथा : अकनंदुन — उस जोगी ने क्यों मांगा राजकुमार अकनंदुन का मांस
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कश्मीरी लोक कथा- अकनंदुन
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा
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लोककथाएं भी अदभुद होती हैं। सदियों से लोगों की स्मृतियों में रजी-बसी रहती हैं और एक-दूसरे को सुनाने से एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में चली जाती हैं। हिमालयी क्षेत्र की लोककथाएं बहुत प्यारी हैं। इनमें मनुष्य के दुःख-सुख और उसकी इच्छाएं, अभिलाषाएं सभी प्रदर्शित होती...