नदी की तरह बहता रहा, समुद्र में जाकर ही मिलना है व खारा होना है
--वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र धस्माना
महात्मा गांधी या गांधीवाद, हिमालय या रेगिस्तान, वामपंथ हो या पूंजीवाद यानी भी कोई विषय, राजेन्द्र धस्माना इस तमाम विषयों का चलता-फिरता इन्साइक्लोपीडिया हैं। किसी भी मुद्दे पर नये विचार रख सकते हैं। दूरदर्शन में समाचार संपादक रहने के बाद सम्पूर्ण गांधी...
नई दिल्ली।मोक्षदायिनी गंगा राष्ट्रीय नदी का दर्जा मिल जाने पर भी मैली ही है । इसे निर्मल व अविरल बनाने के लिए बाद में गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण भी बनाया गया, नमामि गंगे योजना भी चल रही है। तब से लगभग आठ हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा राज्यों को दे दिये गये, लेकिन आज भी कोई नहीं कह...
नई दिल्ली। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद पहाड़ी क्षेत्रों में 3000 गांव पूरी तरह खाली हो गए हैं और ढाई लाख से ज्यादा घरों में ताले लटके हुए हैं। ये सरकारी आंकडे हैं। गैर सरकारी आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है। समृद्ध पहाड़ी शैली में निर्मित हजारों भव्य मकानों में घास व झाड़ियां उग गई हैं। पूरे के...
परिकल्पना- डा. हरीश चंद्र लखेड़ा
हिमालयीलोग की प्रस्तुति / नयी दिल्ली
दोस्तों इस बार आपके लिए उत्तराखंड और देश के अन्य पहाड़ी व आदिवासी राज्यों के भूमि कानूनों को लेकर जानकारी लेकर आया हूं। उत्तराखंड में लंबे समय से मौजूदा भूमि कानूनों को बदलने की मांग होती रही है, लेकिन लगता है जैसे कि उत्तराखंड के नेता आंख और कान बंद...
विलुप्त हो रही है गोरैया (घंड्यूड़ी)
---नंंदनी बड़थ्वाल
नई दिल्ली। गोरैया, जिसे उत्तराखंड में घंड्यूड़ी कहा जाता है, आज विलुप्त होती जा रही है। दिल्ली में तो बहुमंजिला इमारतें बन जाने से इसका आशियाना ही छिन गया है। इसलिए यहां कबूतर तो बढ़ रहे हैं, लेकिन गोरैया बहुत कम दिखती है।
दिल्ली सरकार ने इस राज्यीय पक्षी घोषित तो किया है, लेकिन...
देहरादून। पाप धुलने के लिए हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाने वालों के पाप धुल या न धुलें पर,गंगा जल उनको बीमार अवश्य कर सकता है। हर की पैड़ी में पानी इतना गंदा है कि पीना तो दूर, नहाने लायक भी नहीं बचा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(CPCB) ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि हरिद्वार में...
परिकल्पना- डा. हरीश चंद्र लखेड़ा
हिमालयीलोग की प्रस्तुति /नयी दिल्ली
दोस्तों, इस बार आपके लिए उत्तराखंड की राजनीति के एक महत्वपूर्ण पहलू को लेकर आया हूं। 9 नवंबर 2000 को भारत के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आए इस हिमालयी राज्य को मुख्यमंत्री तो बहुत मिले, लेकिन एक भी ऐसा नहीं मिला, जो राजनीतिक व सार्वजनिक जीवन के मानदंडों...
देहरादून। ग्लोबल वार्मिंग के चलते मैदानों की वनस्पतियां अब पहाड़ों की ओर जाने लगी हैं। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में वानस्पतिक विज्ञानियों के अध्ययन के अनुसार तापमान में वृद्धि के कारण मैदानी क्षेत्रों में पनपने वाली अनेक वनस्पतियां अब पहाड़ों की ओर रुख करने लगी हैं।
वैज्ञानिक अध्ययन में उत्तराखंड के सोमेश्वर घाटी में साल वृक्षों की बढ़वार में तेजी...
नई दिल्ली। हिमालय क्षेत्र में तेजी से पिघल रहे ग्लेशियर के कारण नई झीलों का निर्माण हो रहा है। ये स्थानीय लोगों खतरा बनती जा रही हैं। पिछले दो सालों में तेजी से पिघलते ग्लेशियरों के कारण हिमालय क्षेत्र में 110 नई झीलों का निर्माण हुआ है। इससे ग्लोफ (ग्लेशियल लेक ऑउटबर्स्ट फ्लड) बाढ़ का खतरा पैदा हो गया...