हमें नेपाली नहीं, भारतीय गोरखा कहिए
परिकल्पना डा. हरीश चंद्र लखेड़ा
हिमालय लोग की प्रस्तुति /नई दिल्ली
दोस्तों, इस बार आपको भारतीय गोरखा और नेपालियों में अंतर बताने आया हूं। जो गोरखा भारतीय नागरिक हैं, पाढ़ी दर पीढ़ी भारत में रह रहे हैं। यह भारतीय गोरखा समाज अपनी पहचान और भाषा का नाम के संकट से जूझ रहा है।
भारतीय गोरखा समाज अपनी...
हिमालयीलोग यह एक शुरूआत है। हिमालय के लोगों के बारे में जानकारी देश-दुनिया को देने की। इतिहास की किताबों, पत्र-पत्रिकाओं, संग्रहालयों में कहीं भी तो हमारी संस्कृति, हमारे इतिहास, हमारे पुरखों आदि की समुचित जानकारी दर्ज नहीं है। हम हिमालयी राज्यो के राजाओं के इतिहास की बात नहीं कर रहे हैं। इतिहास की पुस्तकों के पन्ने सिर्फ विदेशी आक्रांताओं...
अजन्में मेमने की खाल से बनती है कौन सी टोपी ?
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा
हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली
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संसार में परिवर्तन अटल सत्य है। मानव सभ्यता के विकास के साथ ही मनुष्य का पहनावा भी बदलता रहा है। हम जो कुछ भी पहनते हैं,
उसका भी एक इतिहास है। इस बार हिमालयी क्षेत्र के लोगों...
Ecology
विश्व गौरैया दिवस: घर में गौरैया के आने व घोसला बनाने पर क्या कहता है ज्योतिष व वास्त्रुशास्त्र
admin -
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा
हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली
जै हिमालय, जै भारत। हिमालयीलोग के इस यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है।
मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश चंद्र लखेड़ा इस बार यह बताने जा रहा हूं कि गौरैया के घर में आने व उसके घोसला बनाने को लेकर ज्योतिष में क्या कहा गया है। जब तक मैं आगे बढूं, तब...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा
हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली
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स्वर्ग को लेकर बात शुरू करने से पहले ही मैं साफ कर देना चाहता हूं कि यह वीडियो पौराणिक गाथाओं पर आधारित है। भारतीय जीवन में पौराणिक गाथाओं का बड़ा महत्व है। इसे नकारा नहीं जा सकता है। स्वर्ग की अवधारणा सिर्फ हिंदुओं में है, ऐसा नहीं है। अब्राहमिक...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा /
हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली /
कश्मीर घाटी - ऋषि कश्यप के वंशजों की इस घाटी में हिंदू साम्राज्य कैसे ढह गया और कैसे वहां इस्लाम फैलता चला गया। लंबे समय बाद फिर से कैसे फिर से हिंदू शासन आया। यह रोचक कहानी है। यह आश्चर्य का विषय है कि भारत के इतिहास के पुस्तकों...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा
हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली
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जै हिमालय, जै भारत। मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश चंद्र लखेड़ा इस बार गढ़वाल के गढ़ों के बारे में जानकारी दे रहा हूं। इसके बाद कुमायुं समेत हिमालयी क्षेत्रों के गढ़ों (Garhwal, Garh, Garhi, Forts of Uttarakhand)की जानकारी देने का प्रयास दूंगा।
जब तक मैं आगे बढूं, तब...
हिमालय की बेटी गौरा देवी को भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में याद किया जाता है। जंगलों को बचाने के लिए पेड़ों पर चिपकने का रास्ता उन्होंने ही दिखाया था। इसी वजह से इसे चिपको आंदोलन कहा जाने लगा। उत्तराखंड में जन प्रतिरोधों की परम्परा में यह आंदोलन अपना विशिष्ट स्थान रखता है। जहां एक ओर इस आंदोलन...
नदियों को मैला करने में एक जैसे हैं सभी देश
आप लोग यह जानकर हैरान होंगे कि जिस गंगा नदी को हम सबसे पवित्र मानते हैं, वह दुनिया की सबसे ज्यादा प्रदूषित पहली १० नदियों में शामिल है। गंगा के साथ ही इस सूची में सिंधु, यांग्तज, सलवीन -नू और मेकांग-लानकंग भी हैं।
नदियों के मामले में दुनिया में लगभग सभी...
गरमी का मौसम आ चुका है और अब मैदानों से भारी भीड़ पहाड़ों की ओर जाने लगेगी । हर साल लगभग पांच करोड़ लोग हिमालयी राज्यों मेंं पर्यटन व धर्माटन के लिए जाती है।
अब हम सभी का कर्तव्य है कि देश के साथ ही हिमालय के सरोकारों की भी चिंता करें। हिमालय भीो पर्यावरण मुक्त बनाएं और हिमालयी लोगों...