नेपाली या खस कुरा नेपाल की राष्ट्रभाषा है । यह भाषा नेपाल की लगभग ४४ लोगों की मातृभाषा  है। यह भाषा नेपाल के अतिरिक्त भारत के सिक्किम, पश्चिम बंगाल, उत्तर-पूर्वी राज्यों असं असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय तथा उत्तराखण्ड के अनेक भारतीय लोगों की मातृभाषा है। भूटान, तिब्बत और म्यानमार के भी अनेक लोग यह भाषा बोलते हैं।नेपाल भाषा (‘नेवारी’ अथवा ‘नेपाल भाय्’) नेपाल की एक प्रमुख भाषा है। यह भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार के अन्तर्गत तिब्बती-बर्मेली समूह मे संयोजित है। यह देवनागरी लिपि मे भी लिखी जाने वाली एक मात्र चीनी-तिब्बती भाषा है। यह भाषा दक्षिण एशिया की सबसे प्राचीन इतिहास वाली तिब्बती-बर्मेली भाषा है और तिब्बती बर्मेली भाषा में चौथी सबसे प्राचीन काल से उपयोग में लाई जाने वाली भाषा है।
नेपाल भाषा बहुत सी लिपियों में लिखी जाती है। इनमें प्रमुख लिपियां हैं – रन्जना, प्रचलित, ब्राह्मी, भूजिँगोल, देवनागरी आदि। ये सभी लिपियाँ बाएं से दाएं तरफ लिखी जाती है। इन सभी लिपियों में स्वरमाला और व्यंजनमाला नामक दो प्रकार के अक्षर होते है।नेपाल भाषा काठमांडू की मूल भाषा है। इस भाषा का उत्पत्ति-स्थान काठमांडू ही है। काठमांडू मे किरांत शासन के समय मे इस भाषा पर किरांती भाषा का प्रभाव पडा। तिब्बत के साथ शताव्दियों के व्यापारिक सम्बन्धों के कारण इस भाषा मे तिब्बती भाषा का भी उल्लेख  दिखता है। लिच्छवी काल और मल्ल काल मे संस्कृत तथा शाहकाल मे नेपाली भाषा का प्रभाव भी इस भाषा मे दिखने लगा। भाषा और संस्कृति के लिहाज से अपार विविधता समेटे भारत में नेपाली बोलने वाले भारतीयों की संख्या लगभग एक करोड़ है. नेपाली भाषी से इन भारतीयों का लगाव बराबर बना हुआ है.  नेपाली भी उन भाषाओं में शामिल है जिन्हें भारतीय संविधान में मान्यता दी गई है. .वह संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में से एक है, नेपाली साहित्य खास कर दार्जीलिंग और सिक्किम समेत उत्तर भारत में भी फल फूल रहा है.
भारत में दो तरह के नेपाली भाषी समुदाय हैं. पहले वे जो भारतीय नागरिक हैं और देश के उत्तरी और पूर्वोत्तर इलाके में रहते हैं. इनकी संख्या एक करोड़ के आसपास बताई जाती है.दूसरा समुदाय उन लोगों का है जो नेपाली नागरिक हैं और काम की तलाश में भारत आ गए हैं. ऐसे लोगों की संख्या 20 लाख से 50 लाख के आसपास बताई जाती है.ये दोनों समुदाय भौगोलिक और राजनीतिक पहचान के लिहाज से बंटे हुए हैं लेकिन उनकी भाषा और संस्कृति उन्हें एक बनाती है.
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1 COMMENT

  1. Sir,The informations on नेपाली
    भाषाका इतिहास” lacks even the most basic informations a reader
    Ought to be told as लेखन धर्म of a writer.
    1 “भाषा के अर्थ में गोर्खाली का प्रयोग नेपाली से पुराना है” डा भोल।नाथ तिवारी “ भाषा बिज्ञाण”,19th Ed ,page-193,Allahabad,Publs Kiran Mahal,
    AllahabadHe further wrote” शासकीय स्तर पर
    ‘गोरखाली ‘भाषा के लिए ‘नेपाली’ नामका प्रयोग १९३२ के बाद हुआ है”
    2 .”Eastern Himalayan ,consisting of Gorkhali or Parbatiya or Nepali.this was established by Gorkhas in Nepal. It is an Indo- Aryan language. “-Ref:- “ The cultural Heritage of India,compiled by Indian linguistic Giants Prof Suniti Kumar Chatterjee। Dr N . Dutta ,Dr ,AD Pusalkar and Prof Nirmal Kumar Bose , Chairman Dr Sarvepalli Radhakrishnan,first Volume,first ED 1937 and my copyIs 2001 publication, page-61
    3 the very omission of above basics in the article in your custody tantamount to uselessness of such apiece of disinformation in our Indian context .
    Ref “ गोर्खाभाषानाम ( एक समीक्षात्मक
    दृष्टि) भारतीय परिप्रे़क्षमा” writer of this piece. 2020
    3 there are some more incorrect informations in the ‘ नेपाली भाषाका ईतिहास ‘blog . which needs to be sorted out for the good name if Himalayilog .

    Vande Bharat Nataram
    14062021

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