फारसी व रोमन को प्राचीनकाल में क्यों पसंद थे भोटिया कुकुर परिकल्पना- डा.हरीश चंद्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति नयी दिल्ली   दोस्तों आपने भोटिया कुकुर के बारे में अवश्य सुना होगा। कुकुर यानी कुत्ता। संस्कृत में कुत्ते को कुक्कुरः कहते हैं। हिमालय के अधिकतर क्षेत्रों में भी कुत्ते को कुकुर या कुकर ही कहा जाता है।  हिमालयी क्षेत्र के कुत्तों में भोटिया कुकुर विश्व...
देहरादून। ‘उत्तराखंड आंदोलन : स्मृतियों का हिमालय’ पुस्तक के लेखक वरिष्ठ पत्रकार हरीश लखेड़ा को एक नवंबर को देहरादून के टाउन हॉल में सम्मानित किया गया । राज्य की 17वीं वर्षगांठ पर हो रहे कार्यक्रमों के तहत टाउन हॉल में यह कार्यक्रम हुआ है। उत्तराखंड राज्य गठन के 17 साल बाद इस अभूतपूर्व आंदोलन पर समग्रता में दस्तावेजों के साथ...
बहुत पुरानी बात है। एक राजा की सात बेटियां थीं। एक दिन उसने अपनी बेटियों को बुलाया और पूछने लगा, ‘मैं तुम्हें कैसा लगता हूं?’ बड़ी बेटी ने कहा, ‘आप मुझे मीठे लगते हैं।’ दूसरी से पूछा तो उसने भी यही उत्तर दिया। फिर तीसरी, चौथी, पांचवीं और छठी से पूछा। उन्होंने भी यही बात दोहराई। किसी ने गुड़...
चमोली।  उत्तराखंड के एक देवता ऐसे भी हैं, जिनके दर्शन उनका पुजारी भी नहीं कर पाता। यह मंदिर वर्ष में सिर्फ एक बार बैशाख पूर्णिमा के दिन कुछ घंटे के लिए खुलता है। मंदिर के द्वार खोलते समय पुजारी की आंखों पर पट्टी बंधी होती है। इस मंदिर में किसी वीआइपी की भी नहीं चलती है। वीआइपी की छोड़िए,...
काफल ! जी हां यह उत्तराखंड समेत पूरे हिमालयी क्षेत्र का प्रसिद्ध फल है। यह हिमालयी  क्षेत्र में पाया जाने वाला मध्यम ऊंचाई वाला पौधा है,  जिसका वैज्ञानिक नाम मैरिका नागी है। यह मैरिटेसि परिवार का पौधा है जो लगभग पूरे भारत में पाया जाता है। उत्तराखंड में इसे काफल के नाम से जाना जाता है। संस्कृत में इसे...
एक समय की बात है। एक परिवार में दो महिलाएं रहती थीं। बड़ी महिला यानी जेठानी बहुत दुष्ट थी, लेकिन छोटी यानी देवरानी शिष्ट, सौम्य, ईमानदार व जनसेवक थी। दोनों के कोई संतान नहीं थी। छोटी वाली जो भी कमाकर लाती, वह अपनी जेठानी आदि में बांट देती और दुख-दर्द में पूरे मनोयोग से उसकी सेवा करती, ताकि दोनों...
हिडिंबा के राज्य में थी एक बीरा बैण /नये अंदाज में उत्तराखंड की लोक-कथा परिकल्पना-डा. हरीश चंद्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति दोस्तों, बीरा बैण की कहानी हम सभी दादी-नानी के समय से सुनते आ रहे हैं। यह कहानी सदियों से एक ही ढर्रे पर चल रही है। मैंने इस लोककथा को उसके कालखंड से जोड़ने तथा इसे नये तरीके से पेश करने...
  बुरांश के फूल का जूस  हृदय रोग, किडनी, लिवर के अलावा रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने और हड्डियों को सामान्य दर्द के लिए बहुत लाभदायी होता है। राज्य वृक्ष और इतने सारे औषधीय  गुण होने के बावजूद भी बुरांश के फूलों का वैज्ञानिक तौर पर उपयोग नहीं होता है।स्थानीय स्तर पर ही इस के फूलों का जूस बनाया जाता है।...
बात वर्ष1854 की है। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रेंकलिन पियर्स ने रेड इंडियन की भूमि का एक विशाल भू-भाग खरीदने का प्रस्ताव उनके मुखिया शिएटल के पास भेजा। इस प्रस्ताव में उन्हें विस्थापित कर उनके लिए दूसरे इलाके में जमीन देने का प्रावधान था। सरल हृदय प्रकृति पुत्र शिएटल के लिए भूमि का अर्थ भेड़ों या चमकदार मोतियों की तरह...
भारत को यदि किसी  महामानव ने एकसूत्र में बाँधा तो वे थे आदि शंकराचार्य। आदि शंकराचार्य (Adi Shakaracharya)  अद्वैत वेदान्त के प्रणेता, संस्कृत के विद्वान, उपनिषद व्याख्याता और हिन्दू धर्म प्रचारक थे। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार इनको भगवान शंकर का अवतार माना जाता है। इन्होंने लगभग पूरे भारत की यात्रा की और इनके जीवन का अधिकांश भाग उत्तर...
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