चमोली।  उत्तराखंड के एक देवता ऐसे भी हैं, जिनके दर्शन उनका पुजारी भी नहीं कर पाता। यह मंदिर वर्ष में सिर्फ एक बार बैशाख पूर्णिमा के दिन कुछ घंटे के लिए खुलता है। मंदिर के द्वार खोलते समय पुजारी की आंखों पर पट्टी बंधी होती है। इस मंदिर में किसी वीआइपी की भी नहीं चलती है। वीआइपी की छोड़िए, यहां इस मंदिर के पुजारी की भी नहीं चलती है। पुजारी को भी आंख, नाक और मुंह पर पट्टी बांध कर देवता की पूजा करनी पड़ती है। श्रद्धालु इस मंदिर परिसर से लगभग 75 फीट की दूरी पर रहकर पूजा कर मन्नतें मांगते हैं।
इस बार  श्री लाटू देवता के मंदिर के कपाट दस मई को खुलेंगे। यह मंदिर  मां नंदा देवी यात्रा मार्ग पर वाण क्षेत्र में स्थित है। वाण क्षेत्र में श्री लाटू देवता के प्रति लोगों में बड़ी श्रद्धा है। श्री लाटू देवता के मंदिर का द्वार वर्ष में सिर्फ एक बार बैशाख पूर्णिमा के दिन कुछ घंटे के लिए खुलता है। यह एक मात्र ऐसे देवता हैं, जिनके दर्शन पुजारी भी नहीं कर पाते। मान्यता है कि मंदिर में साक्षात रूप में नागराज अद्भुत मणि के साथ रहते हैं। पुजारी भी साक्षात नागराज को देखकर डर न जाएं, इसलिए अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर मंदिर के द्वार खोलते हैं।लोगों का यह भी मानना है कि मणि की तेज रौशनी की चुंधियाहट इन्सान को अंधा बना देती है। लोग यह भी कहते हैं कि न तो पुजारी के मुंह की गंध तक देवता तक और न ही नागराज की विषैली गंध पुजारी के नाक तक पहुंचनी चाहिए। इसलिए वे नाक-मुंह पर पट्टी लगाते हैं।
मंदिर के द्वार खुलने के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आते हैं। मान्यता है कि श्री लाटू देवता से मांगी जाने वाली हर मन्नत पूरी होती है। श्री लाटू देवता मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर विष्णु सहस्रनाम और मां भगवती चंडिका का पाठ किया जाता है। इस दिन यहां मेला लगता है।  उत्तराखंड की अनुश्रुतियों के अनुसार, लाटू देवता उत्तराखंड की आराध्या नंदा देवी के धर्म भाई हैं। दरअसल वांण गांव प्रत्येक 12 वर्षों पर होने वाली उत्तराखंड की सबसे लंबी पैदल यात्रा श्रीनंदा देवी की राज जात यात्रा का बारहवां पड़ाव है। यहां लाटू देवता वांण से लेकर हेमकुंड तक अपनी बहन नंदा देवी की अगवानी करते हैं।
प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां के सभी मंदिरों को पर्यटन के नक्शे पर लाने की पहल की है।  चमोली जिले में स्थित श्री लाटू देवता धाम के कपाट दस मई को खुलेंगे ,  इस   मौके पर  सतपाल महाराज भी उपस्थित रहेंगे। प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के बढ़ावा देने के लिए मंदिरों को धाम के रूप में विकसित किए जाने का प्रस्ताव है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के अनुसार धार्मिक स्थलों पर जरूरी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इसके तहत पर्यटन मंत्री के विशेष प्रयास से कार्तिक स्वामी में रोपवे के प्रोजेक्ट पर जल्द कार्यवाही की जा रही है। कुंजापुरी सिद्धपीठ में भी रोपवे बनाने के लिए तकनीकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उत्तराखंड में महाभारत पर्यटन सर्किट के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को वित्तीय मदद का प्रस्ताव भेजा गया है।

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