नई दिल्ली। विश्व पर्यावरण दिवस पर आइए इस धरती को बचाएं। वैसे तो यह दिवस एक रश्मभर रहा गया है। तापमान लगातार बढ़ रहा है। ग्लेशियर पिघल रहे हैं। हवा अब सांस लेने लायक नहीं बची है। आप जानते ही हैं कि पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर सन् 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में विश्व भर के...
देहरादून। पाप धुलने के  लिए हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाने  वालों के  पाप धुल या  न धुलें पर,गंगा जल उनको बीमार अवश्य कर सकता है। हर की पैड़ी में पानी इतना गंदा है कि पीना तो दूर, नहाने लायक भी नहीं बचा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(CPCB) ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि हरिद्वार में...
नई दिल्ली। हिमालय संकट में  है। हिमालय को बचाना है तो केंद्र व राज्य सरकारों को चाहिए कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में  जाने वाले  पर्यटकों की संख्या नियंत्रित हो।  हर साल 10 करोड़ लोग हिमालय जा रहे हैं।  इससे भी हिमालय पर संकट है। हिमालय को  ग्लोबल वॉर्मिंग से बचाना ही होगा अन्यथा पूरा भारत  मुश्किल में होगा। पीने...
नई दिल्ली।  हिमालय क्षेत्र में तेजी से पिघल रहे ग्लेशियर के कारण नई झीलों का निर्माण हो रहा है। ये स्थानीय लोगों  खतरा बनती  जा रही हैं।  पिछले दो सालों में तेजी से पिघलते ग्लेशियरों के कारण हिमालय  क्षेत्र   में 110 नई झीलों का निर्माण हुआ है। इससे ग्लोफ (ग्लेशियल लेक ऑउटबर्स्ट फ्लड) बाढ़ का खतरा पैदा हो गया...
बात वर्ष1854 की है। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रेंकलिन पियर्स ने रेड इंडियन की भूमि का एक विशाल भू-भाग खरीदने का प्रस्ताव उनके मुखिया शिएटल के पास भेजा। इस प्रस्ताव में उन्हें विस्थापित कर उनके लिए दूसरे इलाके में जमीन देने का प्रावधान था। सरल हृदय प्रकृति पुत्र शिएटल के लिए भूमि का अर्थ भेड़ों या चमकदार मोतियों की तरह...
हम भारतीय लोग बहुत पाखंडी हैं। गंगा- यमुना को कहते तो मां हैं लेकिन उनको गंदा नाले में बदल दिया है। अब उत्तराखंड हाई कोर्ट के फैसले के बाद सभी की नजर है कि अब केंद्र से लेकर राज्यों की विभिन्न सरकारें इस मामले में क्या करती हैं। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने बीते 21 मार्च को गंगा और यमुना को...
नई दिल्ली,  उत्तराखंड का राज्य पुष्प है ब्रह्म कमल। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी गुलाबी कमल पर बैठे होते हैं। यही गुलाबी कमल भारत का राष्ट्रीय पुष्प भी है। ज्यादातर लोग इस गुलाबी कमल (निलुम्बो नूसिफेरा) को ही ब्रह्म कमल मान लेते हैं। जबकि एक वर्ग का मानना है कि यह गुलाबी कमल...
उत्तराखंड के ॐ पर्वत पर भी ग्रीन हाउस गैसों और ग्लोवल वार्मिंग का असर साफ दिखने लगा है। पिथौरागढ़ स्थित छोटा कैलाश के नाम से पुकारे जाने वाले इस पर्वत पर अब कम बर्फ पड़ने से ॐ की आकृति ठीक से नहीं बन पा रही है। कैलाश को लेकर तो पहले से ही रिपोर्ट आ चुकी है कि ‘शिव...
प्राकृतिक संपदा से भरपूर होने के बावजूद हिमालयी क्षेत्रों के बच्चे भी कुपोषण के शिकार हैं। देश में अवरुद्ध विकास वाले औसतन ४४.९ फीसदी बच्चे, २२.९ फीसदी ठिगने बच्चे तथा ४०.४० कम वजन वाले बच्चे हैं। हिमालयी राज्यों में भी इन श्रेणी के बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है। इसकी एक बड़ी वजह पहाड़ी लोगों का अपने स्वास्थ्य के ...
नदियों को मैला करने में एक जैसे हैं सभी  देश आप लोग यह जानकर हैरान होंगे कि  जिस गंगा नदी को हम सबसे पवित्र मानते हैं, वह दुनिया की सबसे ज्यादा प्रदूषित पहली १० नदियों में शामिल है। गंगा के साथ ही इस सूची में सिंधु, यांग्तज, सलवीन -नू और मेकांग-लानकंग भी हैं। नदियों के मामले में दुनिया में लगभग सभी...
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