प्राकृतिक संपदा से भरपूर होने के बावजूद हिमालयी क्षेत्रों के बच्चे भी कुपोषण के शिकार हैं। देश में अवरुद्ध विकास वाले औसतन ४४.९ फीसदी बच्चे, २२.९ फीसदी ठिगने बच्चे तथा ४०.४० कम वजन वाले बच्चे हैं। हिमालयी राज्यों में भी इन श्रेणी के बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है। इसकी एक बड़ी वजह पहाड़ी लोगों का अपने स्वास्थ्य के  प्रति ज्यादा जागरुक नहीं होना है।
आपने भी देखा होगा कि पहाड़ी क्षेत्रों में गांवों की महिलाएं दिनभर कामकाज पर जुटी होती हैं और कई बार तो उन्हें खुद के भोजन करने की भी फुर्सत नहीं मिलती है। ऐसे में भला बच्चों पर कैसे ध्यान देंगी। शहरों में रहने वाले हिमालयी लोगों को इसके लिए गांवों में जाकर जागरुतका अभियान चलाने की आवश्यवकता है। केंद्र सरकार ने यूनिसेफ की  वर्ष २००९ की रिपोर्ट का हवाला देकर संसद में  बताया कि अनुमान है कि भारत में अवरुद्ध विकास  वाले (स्टंटेड) ६.१ करोड़ बच्चे हैं। हिमालयी राज्यों में अन्य राज्यों की तुलना में यह औसत चिंताजनक है। क्योंकि हिमालयी राज्य तो  मिनिरल वाटर से लेकर प्राकृतिक संपदा से भरपूर है, लेकिन स्वास्थ्य के प्रति लोगों की कम जागरुकता के कारण बच्चों के अलावा लोग खुद अपने स्वास्थ्य पर भी ज्यादा ध्यान नहीं देते। इसका ही नतीजा है कि हमारे बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं। रिपोर्ट कहती है कि  विकासशील दुनिया में १० अवरुद्ध बच्चों में से तीन भारत में हैं। विकासशील देशों के पांच साल  से कम उम्र के लगभग १९.५० करोड़ बच्चे इसी श्रेणी के हैं। विश्व में अवरुद्ध विकास  वाले बच्चों की ज्यादा संख्या वाले १० देशों में से छह एशिया में हैं। इन देशों में बाग्लादेश-४२ फीसदी, चीन-१५ फीसदी, भारत-४८ फीसदी, इंडोनेशिया-३७ फीसदी, पाकिस्तान-४२ फीसदी तथा फिलिस्तीन- ३४ फीसदी हैं। सबसे ज्यादा अफगानिस्तान-५९ फीसदी और यमन-५८ फीसदी , मेडागास्कर-५३ फीसदी तथा इथोपिया-५१ फीसदी है।
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तीन साल के कम उम्र के बच्चों के कुपोषण की स्थिति (प्रतिशत में)

राज्य               अवरुद्ध विकास       ठिगने बच्चे        कम वजन के बच्चे

अरुणाचल प्रदेश       ३७                       १७                  २९.७

हिमाचल प्रदेश          ३४.३                  १९.९                 ३१.१

जम्मू-कश्मीर              ३३.१                   १८.३                २४
उत्तरखंड                   ३९.६                   १८.२               ३१.७
सिक्किम                   ३१.८                    १२.८               १७.३
भारत                        ४४.९                    २२.९               ४०.४०
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