मुगलों को खदेड़ने वाले वीर लाचित के साथ भारतीय इतिहासकारों का भेदभाव परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com  हिमालयी क्षेत्र के पूर्वोत्तर के राज्य असम के उस महान  वीर सपूत लाचित बोड़फुकन  जैसे महान योद्धा के कारण  मुगल आक्रांता पूर्वोत्तर भारत को अपने अधीन नहीं कर सके।  वीर सपूत - लाचित बोड़फुकन को भले ही मैदानी इतिहासकारों...
हिमालयी लोगों के साथ पक्षपात करते रहे हैं मैदानी इतिहासकार परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com यह सोचनीय विषय है कि  हिंदी भाषी लोग भारत (India) के अन्य क्षेत्रों के लोगों के बारे में बहुत कम जानते हैं। भारत का इतिहास भी दिल्ली के धर्मांध व लुटेरे तुर्कों, मुगलों (Mugal) पर केंद्रित होकर लिखा गया है।...
तमांग ने कैसे पहचाना अपना  पति?  अरुणाचल प्रदेश की लोक-कथा परिकल्पना- डा. हरीश चंद्र लखेड़ा /हिमालयीलोग की प्रस्तुति/नयी दिल्ली दोस्तों, मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश चंद्र लखेड़ा इस बार सुदूर प्रांत अरुणाचल प्रदेश की लोककथा आपके लिए लेकर आया हूं। जब तक मैं कहानी को लेकर आगे बढूं, इस हिमालयीलोग चैनल को लाइक और सब्सक्राइब कर दीजिए। अरुणाचल प्रदेश में तमांग नाम की...
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