हिमालयीलोगों की इतिहास में हिस्सेदारी के लिए प्रधानमंत्री से आग्रह

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नई दिल्ली। हिमालयीलोग (ट्रस्ट) ने हिमालयी समाज की भारतीय इतिहास में हिस्सेदारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहल करने का आग्रह किया है। ट्रस्ट के अध्यक्ष हरीश लखेड़ा ने कहा कि वामपंथियों के लिखे इतिहास में हिमालयी लोगों के इतिहास को भुला दिया गया है।
प्रधानमंत्री से इस मुद्दे का मन की बात कार्यक्रम में भी शामिल करने का आग्रह किया गया है। पत्र में कहा गया है कि इस देश के इतिहास लेखन को वामपंथी इतिहासकारों ने विकृत किया है। उनके लिखे इतिहास में हिमालयी लोगों का इतिहास, जन जीवन, देश के लिए बलिदान से लेकर लेखन, सस्ंकृति आदि को लेकर कहीं भी ठोस जिक्र नहीं है। सरकारी तौर पर मान्यता प्राप्त इतिहास की किताबों में कहीं भी हिमालयी संस्कृति, इतिहास, हमारे पुरखों आदि की समुचित जानकारी दर्ज नहीं है। वामपंथी इतिहास की पुस्तकों के पन्ने सिर्फ विदेशी आक्रांताओं के हमलों की दास्तां से भरे हैं, उनको महिमामंडित करते हैं। उनके लिए इतिहास में हम कहीं भी नहीं हैं।
लखेड़ा ने कहा कि क्या शेष भारत के लोग गढ़वाल की उस महान रानी कर्णावती को जानते हैं जिसने मुगलों की पूरी सेना की नाक कटवा दी थी ? उत्तर होगा नहीं।  गुमानी पंत को कितने लोग जानते हैं। पूरे हिमाली समाज की यही कहानी है। उन्होंने कहा कि हमारा ट्रस्ट व पोर्टल हिमालयीलोग लगातार मांग करते आ रहे हंै कि देश के इतिहास में उन समाजों को भी हिस्सा मिले जो अब तक हाशिए पर हैं।
पत्र इस तरह है। —————

सेवा में
प्रधानमंत्री, भारत सरकार,                          दिनांक- 16/05/2017
 नई दिल्ली
विषय:- हिमालयी लोगों को भी इतिहास में हिस्सा मिले
महोदय,
सादर प्रणाम।
महोदय आप भी यह बात भलीभांति जानते हैं कि इस देश के इतिहास लेखन को वामपंथी इतिहासकारों ने विकृत किया है। उनके लिखे इतिहास में हिमालयी लोगों का इतिहास, जन जीवन, देश के लिए     बलिदान से लेकर लेखन, सस्ंकृति आदि को लेकर कहीं भी ठोस जिक्र नहीं है।
सरकारी तौर पर मान्यता प्राप्त इतिहास की किताबों में कहीं भी हिमालयी संस्कृति, इतिहास, हमारे पुरखों आदि की समुचित जानकारी दर्ज नहीं है। वामपंथी इतिहास की पुस्तकों के पन्ने सिर्फ विदेशी आक्रांताओं के हमलों की दास्तां से भरे हैं, उनको महिमामंडित करते हैं। उनके लिए इतिहास में हम कहीं भी नहीं हैं।
क्या शेष भारत के लोग गढ़वाल की उस महान रानी कर्णावती को जानते हैं जिसने मुगलों की पूरी सेना की नाक कटवा दी थी ? उत्तर होगा नहीं।  गुमानी पंत को कितने लोग जानते हैं। पूरे हिमाली समाज की यही कहानी है।
हमारा ट्रस्ट व पोर्टल हिमालयीलोग लगातार मांग करता आ रहा है कि देश के इतिहास में उन समाजों को भी हिस्सा मिले जो अब तक हाशिए पर हैं। आशा है आप इस मुद्दे को मन की बात में भी जगह देंगे।
भवदीय
हरीश लखेड़ा
पत्रकार,
अध्यक्ष- हिमालयीलोग ट्रस्ट व संपादक – हिमालयीलोग पोर्टल
नई दिल्ली

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