नदियों को मैला करने में एक जैसे हैं सभी देश
आप लोग यह जानकर हैरान होंगे कि जिस गंगा नदी को हम सबसे पवित्र मानते हैं, वह दुनिया की सबसे ज्यादा प्रदूषित पहली १० नदियों में शामिल है। गंगा के साथ ही इस सूची में सिंधु, यांग्तज, सलवीन -नू और मेकांग-लानकंग भी हैं।
नदियों के मामले में दुनिया में लगभग सभी देशों का यही हाल है। अमेरिका की मीसीसिपी, आस्ट्रेलिया की किंग रिवर, ईटली की सारनो, चीन की सोंमधुआ और लंजोअ तथा फिलीपींस की मरीलाओ की भी गंगा जैसी हालत है। यह बातें विश्व पर्यावरण निधि की रिपोर्ट में कही गई हैं। भारत में तो गंगा-यमुना से लेकर लगभग सभी नदियां अब नालों में तब्दील हो चुकी हैं। बांधों में ज्यादातर पानी रोक देने के बाद गंगा में जो कुछ पानी बचा है वह जहरीला भी होता जा रहा है। जहरीाला होने का कारण गंगा के पानी में बढ़ता आर्सेनिक है। केंद्र सरकार के जल संसाधन मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार गंगा में बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल से बढ़ता हुआ आर्सेनिक अब हरिद्वार के निकट तक पहुंंच गया है। आशंक जताई जा रही है कि यह धीरे-धीरे और भी आगे हिमालय की तरफ बढ़ सकता है। वैज्ञानिक आज तक इसके कारणों का पता नहीं लगा पा सके हैं कि गंगा में आर्सेनिक कहां से आया व उत्तर की ओर क्यों बढ़ रहा है। आर्सेनिक के कारण गंगा के किनारे बसे करोड़ों लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने की आशंका है।