पहली गढ़वाली फिल्म ‘जग्वाल’ के निर्माता पारासर गौड़ अब  सात समंदर पार कनाडा में रहते हैं। 1983 में बनी इस फिल्म के आने के बाद उत्तराखंड में गढ़वाली और कुुमांउनी फिल्मों के निर्माण के दरवाजे खुल गये। अब तक दो दर्जन से ज्यादा फिल्में बन चुकी हैं। पारासर को गढ़वाली फिल्मों के  दादा साहेब फालके कहा जा सकता है। उनका...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com E- mail- himalayilog@gmail.com जै हिमालय, जै भारत। हिमालयीलोग यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है। मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश चंद्र लखेड़ा इस वीडियो में पत्रकार, लेखक, नाटककार, यायावर, आंदोलनकारी से लेकर संपूर्ण गांधी वांग्मय के प्रधान संपादक तथा दूरदर्शन व आकाशवाणी के समाचार संपादक रहे दिवंगत राजेंद्र धस्माना जी की स्मृति...
देहरादून। पाप धुलने के  लिए हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाने  वालों के  पाप धुल या  न धुलें पर,गंगा जल उनको बीमार अवश्य कर सकता है। हर की पैड़ी में पानी इतना गंदा है कि पीना तो दूर, नहाने लायक भी नहीं बचा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(CPCB) ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि हरिद्वार में...
--- और राग बन गया- मामी तिलै धारो बोला..... हिमालय के दिलचस्प राजा- दो परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली हिमालय के दिलचस्प नरेशों की कड़ी में इस बार एक ऐसे राजा के बारे में बताने जा रहा हूं, जो कि सबसे बड़े अत्याचारी के तौर पर याद किया जाता है। उस कत्यूर नरेश ने अपनी मामी से जबर्दस्ती...
उत्तराखंड के ॐ पर्वत पर भी ग्रीन हाउस गैसों और ग्लोवल वार्मिंग का असर साफ दिखने लगा है। पिथौरागढ़ स्थित छोटा कैलाश के नाम से पुकारे जाने वाले इस पर्वत पर अब कम बर्फ पड़ने से ॐ की आकृति ठीक से नहीं बन पा रही है। कैलाश को लेकर तो पहले से ही रिपोर्ट आ चुकी है कि ‘शिव...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  /  www.lakheraharish.com E- mail- himalayilog@gmail.com जै हिमालय, जै भारत। हिमालयीलोग के इस यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है।  मैं जर्नलिस्ट डा. हरीश चंद्र लखेड़ा इस बार गढ़वाल के सभी गढ़ों को जीतकर गढ़देश के संस्थापक पंवार नरेश अजै पाल के बारे में जानकारी दूंगा कि वे महान राजा आखिरकार अंत में जोगी क्यों बन...
हिमालयीलोग ट्रस्ट का कार्यक्रम : राजेंद्र धस्माना व्याख्यानमाला -1 नयी दिल्ली। हिमालयीलोग ट्रस्ट गांधीवादी पत्रकार राजेंद्र धस्माना की स्मृति में प्रतिवर्ष ‘राजेंद्र धस्माना व्याख्यानमाला’ का आयोजन करेगा। इस साल का पहला राजेंद्र धस्माना व्याख्यान शनिवार, 21 सितंबर 2019 को यहां उत्तराखंड सदन में आयोजित किया गया। व्याख्यानमाला में इस बार दो विषय थे। 1- हिमालय की विलुप्त होती टांकणी लिपि- श्री रमेश...
विकास चाहिए तो केंद्र पर दबाव बनाएं हिमालयी राज्य ले. जनरल मदन मोहन लखेड़ा (पूर्व राज्यपाल मिजोरम) जनरल लखेड़ा का मानना है कि आजादी के बाद हिमालयी राज्यों का जिस तेजी से विकास होना चाहिए था, वह नहीं हुआ है। जल और जंगल समेत अधिकतर प्राकृतिक संसाधन हिमालयी राज्यों के हैं, लेकिन उनका फायदा मैदानी लोगों को ज्यादा मिलता है। वह...
परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति, नई दिल्ली www.himalayilog.com  / www.lakheraharish.com हिमालयीलोग चैनल की एक वीडियो  पर एक दिन एक कमेंट देखा।  जिसमें  पाकिस्तान से ख्वाजा अर्सलन अरशद नाम के एक बंधु ने लखेड़ाओं पर भी एक वीडियो बनाने का आग्रह किया था। संभवत: वीडियो में मेरा सरनेम लखेड़ा सुनकर उन्होंने यह आग्रह किया होगा। मैंने इसकी वजह पूछी। इस...
 तालिबान और उत्तराखंड के लैंड जेहादियों का एक ही है सूत्रधार परिकल्पना- डा. हरीश चन्द्र लखेड़ा हिमालयीलोग की प्रस्तुति /नई दिल्ली www.himalayilog.com / www.lakheraharish.com अफगानिस्तान में आप लोग तालिबानियों की हरतकों तो देख रहे हैं। किस तरह से वे लोग अपने ही सजातीय व सधर्मी लोगों पर अपना खौफ बढ़ा रहे हैं याद कीजिए, लुटेरे गजनी, गौरी, बाबर, तैमूर लंग व अब्दाली का दौर। कल्पना...
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